Indian Railways VS Japanese Railways Comparison in Hindi | Railway comparison in Hindi
Indian Railways VS Japanese Railways Comparison in Hindi: आज की इस Railway Comparison के आर्टिकल में हम भारतीय रेल और जैपनीज रेल का Comparison करने वाले हैं।
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं की जपान टेक्नोलॉजी के मामले में सभी देशों से आगे रहता है। लेकिन आज 2023 मैं भारत भी टेक्नोलॉजी के मामले में ज्यादा पीछे नहीं है।
आज की इस आर्टिकल में हम इन दोनों देशों के पहली ट्रेन से लेकर Fastest Train, Luxury Trains, Time Punctuality, Ticket Cost जैसे 10 फैक्टर के आधार पर इन दोनो रेल नेटवर्क के बिच comparison करने वाले है।
दोस्तों शुरुआत में ही आपको बता दें इंडियन रेलवे, इंडिया की सरकार द्वारा ऑपरेट की जाती है। वही जापान का रेलवे सिस्टम, जापान के 100 से भी ज्यादा प्राइवेट संगठनों द्वारा ऑपरेट कि जाती है।
First Train of Indian Railways VS Japanese Railways
दोस्तों अगर सबसे पहली ट्रेन की बात करें तो इंडिया की सबसे पहली ट्रेन 1853 में छत्रपती शिवजी महाराज टर्मिनल से ठाणे के बीच चली थी तब इस ट्रेन ने 33 किलोमीटर की दूरी तय की थी, जो करने के लिए इस ट्रेन को 57 मिनट का समय लगा था।
वहीं जापान की सबसे पहली ट्रेन इंडिया के 19 साल बाद 1872 में टोक्यो से योकोहामा के बीच चली थी और इस ट्रेन में 29 किलोमीटर की दुरी तय की थी जिसे करने के लिए इस ट्रेन को 53 मिनट का समय लगा था।
Fastest Train of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर फास्टेस्ट ट्रेन की बात करें तो इंडियन रेलवे के पास तेजस एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस जैसी बहुत सारी फास्टेस्ट ट्रेन है। लेकिन फरवरी 2019 में इंडिया में लॉन्च हुई सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस इंडिया की फास्टेस्ट ट्रेन है जिसकी टॉप स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा है और फिलहाल इसकी ऑपरेटिंग स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इस ट्रेन को दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई जाती है।
वहीं दूसरी तरफ जापान के पास दुनिया की सबसे फास्टेस्ट ट्रेन मैग्लेव है जिसकी टॉप स्पीड 603 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन अभी टेस्टिंग की वजह से इस ट्रेन का इस्तेमाल नहीं किया गया है और फिलहाल जापान की फास्टेस्ट ट्रेन शिंकनसेन(Shinkansen) है जिसकी अधिक से अधिक ऑपरेशनल स्पीड 387 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी एवरेज स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा है।
भारत में भी जल्दी ही बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाई जाने वाली है और इस प्रोजेक्ट के लिए इंडिया जापान से ही मदद ले रहा है और बुलेट ट्रेन के आने के बाद इंडियन रेलवेज की ऑपरेटिंग स्पीड जापान के बराबर हो जाएगी।
Time Punctuality of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर Time Punctuality की बात करें तो इंडिया में सामान्य दिनों में काफी सारी ट्रेन्स 2 से 3 घंटे देरी से चलती है और अगर मौसम का साथ ना हो तो भारतीय रेल 2 से 3 दिन तक लेट हो जाती हैं।
वहीं जापान की बात करें तो यहाँ पे अधिक से अधिक ट्रेन डिले मात्र 40 सेकेंड्स है और खराब मौसम में भी जापान में ट्रेन्स 10 मिनट से ज्यादा लेट नहीं होती है। नवंबर 2018 में जापान में एक ट्रेन अपने समय से 20 सेकंड पहले स्टेशन से रवाना हुई थी और इस वजह से जैपनीज रेलवेज ने अपनी रिपोर्ट में यात्रियों से माफी मांगी थी। इसे पता चलता है समय और शिष्टता के प्रति जापान में किस तरह ध्यान रखा जाता है।
Rail Accidents of Indian Railways VS Japanese Railways
दोस्तों अगर रेल एक्सीडेंट की बात करें तो भारत की स्थिति काफी खराब है जिसके लिए आम जनता और सिस्टम दोनों का बराबर योगदान है। इंडिया में काफी लोग रेल ट्रैक क्रॉस करते हैं और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। वहीं अगर रेलवेज सिस्टम की बात करें तो पिछले 5 सालों में इंडिया में 300 से अधिक रेल एक्सीडेंट हो चुके हैं जिसमें हजारों लोगों की जान जा चुकी है और उसके लिए काफी हद तक इंडियन रेलवेज के 100 साल पुराने अंग्रेजों के टाइम बिछाई हुई रेल ट्रेक्स भी हैं।
वहीं जापान में रेल एक्सीडेंट्स की संख्या लगभग 0% है, जापान को हर वर्ष बहोत सारी आपदाओं का सामना करना पड़ता है लेकिन इसके बावजूद भी यहां के हाई क्लास टेक्नोलॉजी की वजह से रेल एक्सीडेंट्स ना के बराबर है। जापान की बुलेट ट्रेन में ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम लगा हुआ है। जिसकी वजह से इमरजेंसी परिस्थिति में यहां की बुलेट ट्रेन उसी जगह पर खड़ी हो जाती है।
Cleanliness of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर साफ सफाई की बात करें तो पिछले 3-4 सालों में इंडियन रेलवेज के सफाई में काफी सुधार आया है और ज्यादातर रेलवे स्टेशन साफ-सुथरे देखने को मिलते हैं। वहीं जापान में हर एक रेलवे स्टेशन ऐसा है मानो कि आप किसी टॉप एयरपोर्ट पर आए हो, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां पर कितनी ज्यादा सफाई होगी।
Track Lenght of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर रेलवे ट्रैक लेंथ की बात करें तो इंडियन रेलवेज की ऑपरेटिंग ट्रैक की लंबाई 67,368 किलोमीटर है। इनमें से 40% रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीफाइड हो चुका है। इंडियन रेलवे 2025 तक पूरी रेलवे ट्रैक को इलेक्ट्रीफाइड करने का प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और रेलवे ट्रैक की लम्बाई में इंडियन रेलवेज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। साथ ही बता दे भारत में कुल मिलाकर 8500 रेलवे स्टेशन हैं।
वहीं जापान की रेलवे ट्रेक्स की लंबाई 27,182 किलोमीटर है जिसमें से 65% रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीफाइड है और अगर लम्बाई की बात करें तो जैपनीज रेलवे सिस्टम दुनिया का ग्यारहवा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। जापान में कुल मिलाकर 9000 रेलवे स स्टेशन हैं।
Passenger travelling capacity of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर पैसेंजर ट्रैवलिंग कैपेसिटी की बात करें तो हर रोज इंडियन रेलवे से सफर करने वाले लोगों की संख्या ढाई करोड़ के आसपास है और यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर है. बता दे सालाना इंडिया में 8.5 बिलियन पैसेंजर इंडियन रेलवे से सफर करते हैं। वहीं जापान में सालाना 7.5 बिलियन पैसेंजर जैपनीज रेलवे से सफर करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत की जनसंख्या 134 करोड़ के आसपास है वहीं जापान की पॉपुलेशन केवल 13 करोड़ के आसपास है। इससे आप समझ सकते हैं कि जापान में रेलवेज का इस्तेमाल ट्रैवलिंग के लिए कितना ज्यादा किया जाता है।
Busiest Railways Stations of Indian Railways VS Japanese Railways
दोस्तों अगर सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन की बात करें तो दुनिया के टॉप 50 सबसे ज्यादा बिजी रेलवे स्टेशन में से 45 अकेले जापान में हैं। जापान के शिंजुकु स्टेशन दुनिया का व्यस्त रेलवे स्टेशन है। जहां पर प्रतिदिन 40 लाख से भी ज्यादा पैसेंजर का आना जाना रहता है वहीं हावड़ा रेलवे स्टेशन इंडिया का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। जहां पर प्रतिदिन 10 लाख पैसेंजर का आना जाना है।
Ticket Cost of Indian Railways VS Japanese Railways
अगर रेलवे टिकट कॉस्ट की बात करें तो जापान में रेलवे टिकट कॉस्ट बहुत ज्यादा है। जापान में इंडिया की तुलना में नॉर्मल डब्बो में ट्रैवल करने के लिए 22 गुना अधिक पैसे देने पड़ते हैं। वहीं भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे सस्ती रेल सेवाओं में से एक है।
Luxury trains of Indian Railways VS Japanese Railways
दोस्तों अगर लग्जरी ट्रेन की बात करें तो भारत के पास बहुत सारी लग्जरी ट्रेन्स है जिसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मौजूद हैं। महाराजा एक्सप्रेस भारत की मोस्ट लग्जरियस ट्रेन है और केवल भारत की नहीं तो दुनिया की टॉप फाइव लग्जरी ट्रेन में से एक है वहीं जापान के पास Shiki-Shima, Twilight Express और Kyushu Seven जैसी लग्जरी ट्रेन्स है।
Metro System of Indian Railways VS Japanese Railways
चलिए दोस्तों आखिर में इन दोनों इन दोनों देशों के मेट्रो सिस्टम के बारे में बात करते हैं।
इंडिया में सबसे पहली मेट्रो 1984 में कोलकाता में चलाई गई थी और फिलहाल , इंडिया के 10 शहरों में मेट्रो ट्रेन सिस्टम उपलब्ध है और 6 बड़े शहरों में मेट्रो का काम अंडर कंस्ट्रक्शन है। वहीं दूसरी तरफ जापान के टोक्यो सबवे मेट्रो, भारत के 57 साल पहले 1927 में शुरू हो गई थी और फिलहाल जापान के 14 बड़े शहरों में मेट्रो ट्रेन सिस्टम उपलब्ध है।
दोस्तों अगर देश प्रेम को कुछ समय के लिए अलग रख दे, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जापान और जापान का रेलवे स्टेशन हमसे कम से कम 50 साल आगे हैं ।
Indian Railways VS Japanese Railways Comparison: तो दोस्तों आपको क्या लगता है इंडियन रेलवेज को और बेहतरीन बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।